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Thursday 15 January 2015

आरुषि हत्याकांड: सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री का पूरा घटनाक्रम !! ... पढ़िए



आरुषि-हेमराज हत्याकांड कोर्ट ने फैसला तो सुना दिया। दोसियो को सजा भी मिल गयी। पर इस हत्याकांड ने कई सवालो को भी उजागर कर दिया। इन्ही सवालो के बीच, दंत चिकित्सक दंपति राजेश और नूपुर तलवार को अपनी बेटी आरूषि तलवार और नौकर हेमराज की हत्या के मामले में  गाजियाबाद की सीबीआई अदालत ने  दोषी पाया और तलवार दंपति को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। यह हत्याकांड 2008 में तलवार दंपति के नोएडा स्थित आवास पर हुआ था। 
16 मई, 2008 : नोएडा स्थित मकान में आरुषि तलवार का गला कटा शव उसके कमरे से मिला। नेपाली नौकर हेमराज पर हत्या का संदेह।
17 मई : हेमराज का शव तलवार दंपति के मकान की छत पर मिला।
18 मई : पुलिस ने कहा हत्या सर्जिकल ब्लेड से हुई है, किसी अपने का हाथ।
19 मई : तलवार दंपति के पुराने नेपाली नौकर विष्णु शर्मा को संदिग्ध बनाया गया।

21 मई : दिल्ली पुलिस इस घटना की जांच से जुड़ी।

22 मई : परिवार पर शक। झूठी शान के लिए की गई हत्या के कोण से मामले की जांच शुरू। पुलिस ने आरुषि की सहेली से पूछताछ की। हत्या से पहले 45 दिनों में आरुषि ने अपनी सहेली को 688 बार फोन किया था।
23 मई : दोहरी हत्या के मामले में राजेश तलवार गिरफ्तार।
01 जून : हत्याकांड की जांच सीबीआई ने संभाली।
13 जून : सीबीआई ने राजेश तलवार के नौकर कृष्णा को गिरफ्तार किया।

20 जून : दिल्ली के सीएफएसएल में राजेश तलवार कालाई डिटेक्शनटेस्ट।

25 जून : नूपुर तलवार का दूसरी बारलाई डिटेक्शनटेस्ट। उनके पहले परीक्षण से कोई परिणाम नहीं निकला था

26 जून : सीबीआई ने हत्या कांड को बिना सुरागों वाला मामला बताया। गाजियाबाद के विशेष मजिस्ट्रेट ने राजेश तलवार की जमानत याचिका खारिज की।
03 जुलाई : आरोपी पर किए जाने वाले नार्को-एनालिसिस को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को उच्चतम न्यायालय ने खारिज किया।
12 जुलाई : राजेश तलवार जमानत पर गाजियाबाद के डासना जेल से रिहा।

05 जनवरी 2010 : तलवार दंपति का नार्को परीक्षण कराने के लिए सीबीआई अदालत पहुंची।

29 दिसंबर : सीबीआई ने मामला बंद करने की रिपोर्ट दी। नौकरों को क्लीन चिट दिया लेकिन माता-पिता पर संदेह जाहिर किया।

25 जनवरी 2011 : गाजियाबाद अदालत परिसर में राजेश तलवार पर हमला।

09 फरवरी : अदालत ने सीबीआई की रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लेते हुए आरुषि के माता-पिता के खिलाफ हत्या और सबूत मिटाने का मुकदमा शुरू किया।

21 फरवरी : अदालत की ओर से जारी विभिन्न सम्मन को खारिज कराने के लिए तलवार दंपति ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
18 मार्च : उच्च न्यायालय ने सम्मन खारिज करने की दंपति की अपील ठुकरायी और उनके खिलाफ सुनवायी शुरू करने का आदेश दिया।
19 मार्च : दंपति उच्चतम न्यायालय पहुंचा, न्यायालय ने उनके खिलाफ सुनवायी स्थगित की।
06 जनवरी, 2012 : उच्चतम न्यायालय ने तलवार दंपति की याचिका खारिज की और सुनवायी जारी रखने की अनुमति दी।
11 जून : विशेष न्यायाधीश एस. लाल के समक्ष सुनवायी शुरू।
10 अक्टूबर, 2013 : अंतिम जिरह शुरू।

25 नवंबर : गाजियाबाद विशेष अदालत ने तलवार दंपति को दोषी करार दिया।
26 नवंबर : गाजियाबाद की विशेष सीबीआई अदालत ने आरुषि-हेमराज हत्याकांड में राजेश एवं नूपुर तलवार को उम्र कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोनों पर जुर्माना भी लगाया है। आईपीसी की धारा 302 के तहत राजेश एवं नूपुर तलवार को उम्रकैद की सजा दी गई। कोर्ट ने दोनों पर 25-25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।

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