दिल्ली। भारत की राजधानी नई दिल्ली के दक्षिण दिल्ली में आज से ठीक दो साल पहले 16 दिसंबर 2012 ये वही तारीख थी, जिस दिन एक 23 साल की मासूम लड़की से चलती बस में गैंगरेप हुआ। इस वारदात ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। एक अनजान लड़की को इंसाफ दिलाने के लिए पूरा देश एक साथ खड़ा हो गया। और सर्द दिसंबर में भी लाखों लोग सड़क पर उतर आए इस लड़की को इंसाफ दिलाने के लिए लोगों का गुस्सा इस कदर फूटा की सरकार तक हिल गई। और पहली बार एक आम लड़की के लिए देश के तमाम बड़े नेताओं तक को भी साथ खड़े होना पड़ा।
भारत सरकार के इस कृत्य की निन्दा करते हुए सोशल मीडिया में ट्वीटर फेसबुक आदि पर काफी कुछ लिखा गया। इस घटना के विरोध में पूरे देश में उग्र व शान्तिपूर्ण प्रदर्शन हुए उल्लेखनीय बात यह है कि नई दिल्ली में यौन अपराधों की दर अन्य मैट्रोपॉलिटन शहरों के मुकाबले सर्वाधिक प्रति 18 घण्टे पर लगभग एक बलात्कार है। इससे पूर्व भारत की एक मात्र महिला राष्ट्र्पति प्रतिभा पाटिल सुप्रीम कोर्ट द्वारा बलात्कार के पाँच मामलों में दी गयी फाँसी की सजा को माफ करके उम्रकैद में बदल चुकी हैं। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी निन्दा हुई है।
पढ़िए पूरे घटना क्रम कैसे हुआ
१. दिल्ली
में 16 दिसम्बर रविवार की रात चलती बस में 23 साल की लड़की के
साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। यह घटना उस वक्त हुई जब लड़की फिल्म देखने के
बाद अपने दोस्त के साथ बस में सवार होकर मुनीरका से द्वारका जा रही थी।
२. लड़की के बस में बैठते ही लगभग पांच यात्रियों ने उसके साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। उस
बस में और यात्री नहीं थे। लड़की के मित्र ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन उन लोगों ने
उसके साथ भी मारपीट की और लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। बाद में इन लोगों ने
लड़की और उसके मित्र को दक्षिण दिल्ली के महिपालपुर के नजदीक वसंत विहार इलाके में
बस से फेंक दिया।
३. पीड़ित लड़की को नाजुक हालत में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि बस के ड्राइवर को सोमवार देर रात गिरफ्तार कर लिया और
उसका नाम राम सिंह बताया गया।
४. सामूहिक बलात्कार की घटना के क़रीब दो दिन बाद दिल्ली पुलिस ने मीडिया को
बताया कि इस मामले में चार अभियुक्तों को गिरफ़्तार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि
जिस बस में सामूहिक दुष्कर्म किया गया था, उस पर 'यादव' लिखा हुआ था और ये बस
दिल्ली में आरके पुरम सेक्टर3 से बस बरामद की गई। सुबूत मिटाने के लिए बस को धो
दिया गया था।
५. ड्राइवर राम सिंह ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया और उसकी निशानदेही पर उसके
भाई मुकेश, विनय गुप्ता और पवन गुप्ता को गिरफ़्तार किया गया।
६. इस बीच पीड़ित लड़की की हालत नाज़ुक बनी रही और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया।
सड़कों पर पहले से कहीं अधिक बुलंद आवाज के साथ सड़कों पर उतरी और दिल्ली में जगह-
जगह प्रदर्शन होने लगे।
७. दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि उसने इस मामले में सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार कर
लिया है। लेकिन इससे आम लोगों का आक्रोश कम नहीं हुआ और शनिवार को रायसीना
हिल्स पर हज़ारों लोग एकजुट हुए जिन्हें पुलिस ने भगाने करने के लिए बल-प्रयोग किया।
८.शनिवार की घटना से सबक लेते हुए दिल्ली पुलिस ने रविवार के लिए पहले से ही तैयारी
कर रखी थी। कड़कड़ाती सर्दी और कुछ मेट्रो स्टेशनों के बंद होने के बाद भी लोग रविवार
को बड़ी संख्या में एक बार फिर इंडिया गेट पर प्रदर्सन किया। पुलिस ने एक बार फिर बल
प्रयोग करके प्रदर्शनकारियों के हटाने का प्रयास किया पर विरोध का सिलसिला जारी रहा।
लिया। हालाँकि राम सिंह के परिवार वालों का मानना है की उसकी जेल में हत्या की गयी है।
१०. 14 सितम्बर
2013 को इस मामले के लिये विशेष तौर पर गठित त्वरित अदालत ने
चारो वयस्क दोषियों को फाँसी की सज़ा सुनायी,पर अभी तक फाँसी नहीं दी गई है।
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