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Thursday, 19 February 2015

क्यों दिया जाता है संजय और गीता चोपड़ा वीरता पुरस्कार ? जानिए संजय और गीता चोपड़ा की कहानी..

एक बलात्कार और  हत्याकांड जिससे दहल गया था पूरा देश। …


भारत की राजधानी नई दिल्ली में वर्ष 1978 के संजय और गीता चोपड़ा हत्याकांड ने पूरे देश को दहला कर रख दिया था। दो बच्चों की हत्या ने देशभर में रोष पैदा कर दिया था। आरोपी रंगा (कुलजीत सिंह) और बिल्ला (जसबीर सिंह) ने नाम के दो अपराधियों ने फिरौती के लिए संजय और गीता चोपड़ा का अपहरण किया था लेकिन जब रंगा-बिल्ला को पता चला कि दोनों एक नौसेना अधिकारी के बच्चे हैं तो उन्होंने अपना इरादा बदल दिया सबूत को खत्म करने के लिए इन लोगों ने बाद में संजय की हत्या की,  गीता के साथ बलात्कार किया और फिर उसे भी मार डाला। वे शहर छोड़कर  भाग गए। वे कुछ महीने बाद एक ट्रेन में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और  1982 में अदालती कार्रवाही के पश्चात इनके अपराध के लिए फाँसी पर लटका  दिया गया था।

क्या था पूरा मामला?
गीता(17) जीसस और मैरी कॉलेज की छात्रा थी। गीता को ऑल इंडिया रेडियो के पापुलर रेडियो शो युवा वाणी में हिस्सा लेने ऑल इंडिया ऑफिस जाना था। गीता के छोटे भाई संजय को भी इस शो में हिस्सा लेना था। संजय(15) दसवीं कक्षा का छात्र था। पार्लियामेंट स्ट्रीट स्थित ऑल इंडिया रेडियो के ऑफिस जाने के लिए दोनों ने एक कार में लिफ्ट ले ली। उनके पिता मदन मोहन चोपड़ा जो कि एक नौसैनिक अधिकारी थे, दोनों बच्चों को शो खत्म होने के बाद लेने के लिए ऑल इंडिया रेडियो ऑफिस, आने वाले थे। कार में बैठने के बाद दोनों बच्चों को यह समझने में देर नहीं लगी कि जिस कार में उन्होंने लिफ्ट ली है वह रेडियो ऑफिस नहीं कहीं और जा रही है।

ऑल इंडिया रेडियो स्टेशन के लिए जाने के लिए धौला कुआं के पास रिज रोड से एक वाहन से सवारी रहे थे कि उनका अपहरण कर लिया गया। इन बच्चों को संघर्ष करते देखा गया था जबकि इनके अपहरणकर्ता सरसों के रंग की फिएट तेज़ी से ले जा रहे थे, एक चश्मदीद गवाह ने उस कार का कुछ दूर तक पीछा भी किया। इस कार का हरियाणा नम्बरप्लेट HRK 8930 था। बाद में पता चला कि  यह एक चोरी की कार थीकार में खून के धब्बे मामले में इस्तेमाल फोरेंसिक साक्ष्य का हिस्सा बने थे।

संजय और गीता चोपड़ा के नाम पर ही दिए जाते है वीरता पुरस्कार ………… 



1978 में भारतीय बाल कल्याण परिषद ने 16 से कम आयु के बच्चों के लिए दो वीरता पुरस्कार संजय चोपड़ा पुरस्कार और गीता चोपड़ा पुरस्कार की घोषणा की जिन्हें राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के साथ हर साल दिया जाता है। गाजियाबाद में   स्कूल गीता-संजय पब्लिक स्कूल के नाम से स्थापित किया गया है। 

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